जहरीले पानी से बर्बाद हो रही फसलें, फैक्ट्री के खिलाफ ग्रामीणों का ज्ञापन
केकड़ी उपखंड क्षेत्र के ग्राम मेवदा कलां के ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी सुभाष चंद्र हेमानी को ज्ञापन सौंपकर गांव में संचालित एक सरसों तेल फैक्ट्री से फैल रहे रासायनिक प्रदूषण को लेकर गहरी चिंता जताई। ग्रामीणों ने बताया कि यह फैक्ट्री ग्राम पंचायत मेवदा कलां की भूमि पर स्थापित है और यहां से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी आसपास की हजारों बीघा कृषि भूमि, गांव के मुख्य तालाब और जल स्रोतों में बहाया जा रहा है, जिससे क्षेत्र में जनजीवन संकट में पड़ गया है।
ग्रामीणों के अनुसार फैक्ट्री से निकलने वाला यह जहरीला पानी खेतों को बंजर बना रहा है, पशुओं की मौत हो रही है और तालाब का पानी दूषित होने के कारण ग्रामीणों को गंभीर बीमारियां हो रही हैं। गांव के कई लोग तालाब में स्नान करते हैं, जिससे त्वचा रोग, सांस की दिक्कत और अन्य शारीरिक समस्याएं सामने आ रही हैं। इसके अलावा फैक्ट्री से उठने वाले धुएं के कारण भी वायु प्रदूषण बढ़ गया है और लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है।
ग्रामीणों का आरोप है कि फैक्ट्री संचालक अपनी राजनीतिक पहुंच के चलते अब तक किसी भी सरकारी कार्यवाही से बचता आ रहा है। पूर्व में भी फैक्ट्री द्वारा जहरीला पानी तालाब में डाला गया था, जिस पर ग्रामीणों ने विरोध जताया था। कुछ समय तक टैंकरों के माध्यम से केमिकल युक्त पानी को दूसरी जगह ले जाया गया, लेकिन बाद में फिर से वही स्थिति उत्पन्न हो गई है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि तत्काल प्रभाव से फैक्ट्री को बंद कर पर्यावरण की रक्षा की जाए और जनजीवन को सुरक्षित किया जाए। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि यह फैक्ट्री अब केवल उद्योग नहीं बल्कि उनके जीवन और आजीविका पर खतरा बन चुकी है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि पेयजल स्रोत भी अब इस केमिकल युक्त पानी से प्रभावित हो गए हैं, जिससे गांव में पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो रही है। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य सुरक्षा और कृषि भूमि की रक्षा के लिए फैक्ट्री पर रोक लगाया जाना आवश्यक है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि आगामी दस दिनों में फैक्ट्री से निकलने वाले जहरीले पानी और धुएं की निकासी पर रोक नहीं लगाई गई तो गांववासी मजबूर होकर सड़क पर उतरेंगे और उग्र आंदोलन किया जाएगा।
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