घास भैरू की सवारी में जलते पटाखे फेंकने की परंपरा बनी चुनौती
केकड़ी। पारंपरिक घास भेरू की सवारी को देखते हुए केकड़ी पुलिस प्रशासन ने शहर में फ्लैग मार्च निकालकर सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया। हर वर्ष होने वाले इस आयोजन के दौरान शरारती तत्वों द्वारा जलते पटाखे एक-दूसरे पर फेंकने की जोखिमपूर्ण परंपरा और अव्यवस्था को रोकने के उद्देश्य से पुलिस ने विशेष सतर्कता बरती। पुलिस ने मुख्य बाजार में पैदल गश्त कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया, जिसमें पुलिस निरीक्षक, उपनिरीक्षक, कांस्टेबल सहित होमगार्ड जवान भी शामिल रहे।
दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा पर निकलने वाली पारंपरिक घास भैरू की सवारी इस बार भी पुलिस प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनने वाली है। मंगलवार देर रात शहर के मुख्य बाजारों में हुई उग्र पटाखेबाजी ने संकेत दे दिया है कि बुधवार को निकलने वाली सवारी के दौरान उपद्रवी तत्व माहौल बिगाड़ने से बाज नहीं आएंगे। प्रशासन की सख्त हिदायतों के बावजूद प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री और उपयोग खुलेआम जारी है।
मंगलवार रात दिवाली उत्सव के दौरान शहर में शरारती युवाओं द्वारा जलते पटाखे एक-दूसरे पर फेंकने की घटनाएं कई जगह देखने को मिलीं। सबसे चिंताजनक बात यह रही कि घटनास्थलों में से कई स्थान पुलिस थाना क्षेत्र से कुछ ही दूर थे।
आज निकलेगी घास भैरू की सवारी, हर साल होता है पटाखों का तांडव
घास भैरू की यह सवारी सौ पुरानी परंपरा मानी जाती है। परंपरा के अनुसार बैलों द्वारा खींची जाने वाली यह सवारी गणेश मंदिर से प्रारंभ होकर पुराने शहर के रास्तों से होती हुई देर रात वापस पहुंचती है। पहले आतिशबाजी केवल उत्सव का प्रतीक हुआ करती थी, लेकिन अब यह खतरनाक रूप ले चुकी है। लोग एक-दूसरे पर जलते हुए पटाखे फेंकते हैं, सवारियों और बैलों के पैरों पर भी पटाखे फोड़ दिए जाते हैं, जिससे कई बार भगदड़ जैसी स्थिति बन जाती है।
बावजूद इसके कि प्रशासन ने पिछले तीन दशकों से इस तरह की पटाखेबाजी पर पाबंदी लगा रखी है, फिर भी परंपरा के नाम पर खुलेआम कानून का उल्लंघन हर साल दोहराया जाता है। यही कारण है कि पुलिस के लिए इस आयोजन को नियंत्रित रखना बड़ी चुनौती बन चुका है। केकड़ी शहर थानाधिकारी कुसुमलता मीणा ने कहा कि परंपरा की आड़ में कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। घास भैरू की सवारी के दौरान माहौल बिगाड़ने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एक-दूसरे पर जलते पटाखे फेंकना गंभीर अपराध है। जनहानि का जोखिम बढ़ाने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
घास भैरू की सवारी को लेकर गत दिनों थाना प्रांगण में सीएलजी व शांति समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में एसडीएम दीपांशु सागवान, एएसपी सरोज मल मीणा, डीएसपी हर्षित शर्मा सहित पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए भीड़ नियंत्रण और गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए।
पुलिस के लिए "अग्नि परीक्षा"
स्थानीय लोग कहते हैं कि दिवाली की रात की पटाखेबाजी तो सिर्फ एक ट्रेलर थी, असली चुनौती तो घास भैरू सवारी में सामने आती है। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी "अंगारों की होली" जैसा खतरनाक नजारा देखने की आशंका जताई जा रही है। बावजूद इसके, पुलिस का दावा है कि उपद्रवियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी।

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