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किसानों में यूरिया खाद को लेकर रोष व्याप्त

केकड़ी, 30 अक्टूबर। मेहरू कला क्षेत्र के किसानों में इन दिनों यूरिया खाद की किल्लत को लेकर भारी आक्रोश है। सहकारी समिति मेहरू कला में पिछले पांच माह से यूरिया खाद की आपूर्ति बंद है, जिससे रबी सीजन की बुवाई कार्य प्रभावित हो रहा है।मेहरू कला, बालापूरा आलोला आलोली और आसपास के गांवों के किसान हर रोज सहकारी समिति के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि जहां सहकारी समिति में यूरिया नहीं मिल रहा, वहीं प्राइवेट विक्रेता खुलेआम ऊंचे दामों पर खाद बेच रहे हैं।


सहकारी समिति मेहरू कला के व्यवस्थापक महेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि समिति में लंबे समय से यूरिया खाद की आपूर्ति नहीं हुई है। इस संबंध में अजमेर यूनिट प्रबंधक से कई बार दूरभाष पर संपर्क किया गया, लेकिन हर बार “एक-दो दिन में आपूर्ति होगी” कहकर टाल दिया जाता है। किसानों का कहना है कि समय पर खाद नहीं मिलने से गेहूं और चने की बुवाई प्रभावित हो रही है। कई किसानों ने बताया कि निजी दुकानों पर यूरिया 100 से 150 रुपए तक अधिक कीमत पर बेचा जा रहा है।

गांव के किसान बजरंग लाल कुमावत ने बताया, “हर बार समिति जाते हैं, पर खाली लौटना पड़ता है। प्राइवेट दुकानों पर 100 से 150 रुपए ज्यादा देकर खाद लेना मजबूरी बन गई है।”वहीं किसान धनराज कुमावत ने कहा, “रबी की बुवाई का समय निकलता जा रहा है, अगर जल्द खाद नहीं मिला तो नुकसान झेलना पड़ेगा।”किसानों ने जिला प्रशासन और कृषि विभाग से मांग की है कि क्षेत्र में शीघ्र यूरिया खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए और प्राइवेट विक्रेताओं पर सख्त कार्रवाई की जाए।


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