डायन बताकर गंभीर मारपीट व जलाकर हत्या के आरोप में अभियुक्त बरी
केकड़ी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (क्रम संख्या–2) के न्यायालय ने डायन बताकर गंभीर मारपीट तथा जलाकर हत्या करने के मामले में आरोपित श्रीमती पिंकी पुत्री रामपाल रेगर, श्रीमती सोनिया पुत्री रामनिवास रेगर तथा महावीर पुत्र रामपाल रेगर, निवासी कादेड़ा, थाना केकड़ी को बरी करने का आदेश जारी किया है।
मामले में परिवादिनी माया देवी पुत्री छीतरमल रेगर, निवासी कादेड़ा, ने 13 अगस्त 2017 को पुलिस थाना केकड़ी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। परिवाद के अनुसार, वह अपने मायके कादेड़ा में रहती है जबकि उसका ससुराल मगनपुरा, थाना पड़ेर में है। उसे उसके काका के लड़के कालू रेगर ने फोन कर सूचना दी कि उसकी मां कन्या देवी की हत्या हो गई है। माया देवी जब कादेड़ा पहुंची तो आंगन में मां का शव पड़ा हुआ था।उसने कालू रेगर से घटना का कारण पूछा तो उसने बताया कि बीती रात सोनिया रेगर और पिंकी रेगर ने “मसानिया भैरवनाथ के भाव में आने” की बात कहते हुए महावीर रेगर और अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर “कन्या देवी में से डाकन निकालने” के नाम पर रस्सी और लोहे की साकल से बुरी तरह मारपीट की। आरोप है कि कन्या देवी के हाथ-पैर आग से जलाए गए और उसे गंदा पानी पिलाया गया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई।पुलिस थाना केकड़ी ने जांच के बाद आरोपियों के विरुद्ध धारा 323, 324, 354, 201, 302/148, 149 आईपीसी तथा राजस्थान डायन प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2015 की धारा 3, 4, 6, 7 के तहत आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
मुकदमे के दौरान न्यायालय में कुल 28 गवाहों के बयान करवाए गए। बचाव पक्ष के अधिवक्ता निर्मल चौधरी ने दलील दी कि गवाहों के कथनों में गंभीर विरोधाभास है तथा अभियोजन पक्ष आरोपों को शक से परे सिद्ध करने में पूर्णतः विफल रहा है।न्यायालय ने बचाव पक्ष की दलीलों से सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि अभियोजन मामला संदेह से परे सिद्ध नहीं कर सका। परिणामस्वरूप, सभी आरोपितों को दोषमुक्त (बरी) करने का आदेश पारित किया गया।

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