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केकड़ी में लगातार बारिश से फसलें बर्बाद, किसानों ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

9 सितंबर 2024- केकड़ी जिले में लगातार हो रही अतिवृष्टि के चलते खरीफ सीजन की फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिससे किसानों में गहरा आक्रोश है। फसलों के 90 प्रतिशत तक नुकसान के बाद किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर केकड़ी में किसान महापंचायत अजमेर के जिलाध्यक्ष बालूराम भिचर ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में खरीफ सीजन 2024 में अतिवृष्टि से फसलों को हुए भारी नुकसान का उल्लेख किया गया है और उचित मुआवजे की मांग की गई है। किसानों ने बताया कि लगातार हो रही बारिश के कारण मूंग, उड़द, ज्वार, बाजरा, कपास, मक्का और ग्वार जैसी फसलें लगभग 90% तक बर्बाद हो चुकी हैं।


 ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि अगर मौसम के हालात नहीं सुधरे, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। ज्ञापन में किसानों की आर्थिक स्थिति को लेकर चिंता जताई गई है। किसानों ने अपनी फसलों की बुवाई, खाद, बीज और दवाइयों पर भारी खर्च किया है, लेकिन भारी बारिश के कारण उनकी मेहनत बेकार हो गई है। साथ ही पशुओं के चारे की भी भारी कमी हो गई है। किसानों ने मांग की कि अतिवृष्टि से हुए नुकसान का सही आकलन करने के लिए तुरंत खसरा गिरदावरी के आदेश दिए जाएं और फसलों की कटाई के लिए क्रॉप कटिंग प्रक्रिया ईमानदारी से की जाए, ताकि वास्तविक नुकसान का पता चल सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह क्रॉप कटिंग किसानों की उपस्थिति में ही होनी चाहिए। ज्ञापन में यह भी बताया गया कि लगातार बारिश और धूप न निकलने के कारण फसलें सड़ गई हैं। फसलों में फल और फूल नहीं आ पाए, और जो थे, वो भी गिर गए हैं, जिससे पैदावार नगण्य हो गई है। किसानों ने कहा कि राजस्व और कृषि विभागों के बीच समन्वय होना चाहिए, ताकि नुकसान का सही आकलन हो सके और किसानों को उचित मुआवजा मिल सके। किसानों ने बीमा कंपनी से भी मुआवजे की मांग की है। ज्ञापन के अनुसार, एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया ने मूंग फसल के लिए किसानों से 988 रुपये प्रति हेक्टेयर की प्रीमियम राशि ली है, जबकि सरकार कंपनी को 6424 रुपये प्रति हेक्टेयर देती है। अतिवृष्टि से 80% नुकसान की स्थिति में कुल बीमित राशि 49420 रुपये प्रति हेक्टेयर है, जिसके तहत किसानों को प्रति बीघा लगभग 8236 रुपये बीमा क्लेम के रूप में मिलना चाहिए। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आंदोलन करेंगे। ज्ञापन में सरकार से आग्रह किया गया है कि किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए शीघ्र कदम उठाए जाएं, ताकि उन्हें राहत मिल सके और उनकी आर्थिक स्थिति सुधर सके।

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