यह चेहरा इंसानियत पर धब्बा- बेटी लापता बताने वाली माँ… लेकिन सच जानकर आप सिहर उठेंगे!
17 सितंबर-2025- (रिपोर्ट - गोविंद वैष्णव, केकड़ी)- अजमेर से एक ऐसी वारदात सामने आई है, जिसने हर किसी को सन्न कर दिया… रात के अंधेरे में तीन साल की मासूम अचानक हुई गुम… माँ ने पुलिस से लगाई गुहार, लेकिन सीसीटीवी फुटेज ने खोला हैरान करने वाला राज… सच जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे—क्योंकि इस बार कातिल कोई और नहीं, खुद मासूम की माँ निकली!
यह घटना सुनते ही दिल दहल जाता है—माँ, जिसे दुनिया में भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है, जिसने अपनी ममता की छांव से बच्चे को जन्म दिया, वही माँ अपनी तीन वर्षीय मासूम को मौत के घाट उतार देगी, किसी ने सोचा भी नहीं था। अजमेर में घटित यह दर्दनाक वाकया समाज के सामने कलयुग का काला चेहरा उजागर करता है।
मासूम की तलाश से हत्या का खुलासा
क्रिश्चयनगंज थाना पुलिस को एक महिला ने सूचना दी कि उसकी तीन साल की बेटी अचानक रास्ते में कहीं गुम हो गई है। रातभर तलाश के बाद जब पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल शुरू की, तो सच्चाई ऐसी निकली कि हर कोई सन्न रह गया। कैमरों में साफ दिखाई दिया कि माँ अपनी बेटी को देर रात तक आनासागर झील के आसपास घूमाती रही और कुछ देर बाद वही माँ अकेली लौटती दिखाई दी।
कबूलनामे ने रुला दिया
शक गहराया तो पुलिस ने माँ अंजलि सिंह उर्फ प्रिया से पूछताछ की। पहले तो वह गोलमोल बातें करती रही, लेकिन जब सख्ती हुई तो उसने जो सच उगला, वह किसी को भी विचलित कर देने वाला था। अंजलि ने स्वीकार किया कि वह पारिवारिक झगड़ों और आर्थिक तंगी से परेशान थी, बेटी का लालन-पालन बोझ लगने लगा था। अवसाद और तनाव में उसने अपनी ही कलेजे के टुकड़े को आनासागर झील में फेंक दिया। मासूम काव्या की लाश झील में तैरती मिली।
समाज के लिए सवाल
क्या हालात इतने भयावह हो सकते हैं कि एक माँ अपने जिगर के टुकड़े को मौत के हवाले कर दे? यह केवल अपराध नहीं, बल्कि इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना है। जब माँ की ममता ही कलंकित हो जाए तो दुनिया में भरोसा किस पर रहेगा?
पुलिस की तत्परता
क्रिश्चयनगंज थाना अधिकारी अरविन्द सिंह चारण के नेतृत्व में गठित टीम ने महज़ कुछ घंटों में सच्चाई सामने ला दी और आरोपी माँ को गिरफ्तार कर लिया। जिला पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने इस पूरी कार्रवाई की पुष्टि करते हुए इसे समाज के लिए चेतावनी बताया कि अवसाद और अपराध मिलकर कितनी भयावह त्रासदी जन्म दे सकते हैं।
एक मासूम की चीत्कार, जो अब मौन है
तीन साल की मासूम काव्या शायद समझ भी नहीं पाई होगी कि उसकी माँ ही उसकी सबसे बड़ी दुश्मन बन चुकी है। यह घटना सिर्फ पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज अपराध नहीं, बल्कि उन सभी दिलों पर एक घाव है जो माँ को ममता का सागर मानते हैं। यह कलयुग का सबसे भयावह चेहरा है, जो बताता है कि अवसाद और तंगी जब जीवन पर हावी हो जाते हैं, तो रिश्तों का आधार भी टूट जाता है।

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